बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में अलग-अलग मामलों में बंद बंदियों में से 30 कैदियों ने लॉकडाउन के दौरान 50 हजार मास्क बना चुके हैं। इनकी बिक्री से जेल प्रशासन को अबतक 10 लाख रुपए का आय हुआ है। अच्छी क्वालिटी होने की वजह से जेल के मास्क का बाजार में खासा डिमांड भी है। एक मास्क की कीमत 20 रुपए रखी गई है। वहीं, सरकारी कार्यालयों को 18 रुपए में दिया जाता है। राज्य के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में जेल प्रशासन मास्क आपूर्ति कर चुका है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न जेलों में नि:शुल्क मास्क भेजे गए हैं।
रिम्स में जांच के बाद मास्क को बाजार में भेजा गया
जेलर सीपी सुमन ने बताया कि दिनभर इस्तेमाल करने के बाद रात में पानी से धोकर मास्क का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि अन्य मास्क को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि जेल के मास्क को लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मास्क बनाने के बाद उसे रिम्स भेजा गया। मास्क के कपड़े की जांच के बाद उसे पूरी तरह से सुरक्षित पाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद कहा कि इसके इस्तेमाल से स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा, तब इसे बाजारों में भेजा गया।
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