रोजगार छूटा तो सिर पर लगेज और गोद में बच्चे लिए भूखे-प्यासे पैदल ही रायगढ़ चल दिए 17 श्रमिक

दूसरे प्रदेशों में रोजी रोटी की तलाश में घर व परिवार को छोड़ कर गए प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान अपने घरों की तरफ लौटने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। गांव व परिवार के बीच रहने की जिद ने उन्हें सैकड़ों किमी की दूरी पैदल चलने को मजबूर कर दिया है। भूखे प्यासे श्रमिक सिर पर व बहंगी में अपना लगेज ढोकर सड़कों पर पैदल चलते हुए एक राज्य से दूसरे राज्य तक आना जाना कर रहे हैं। ओडिशा व छत्तीसगढ़ राज्य का जिले से सटे होने के कारण प्रत्येक दिन यहां से गुजरने वालों की दर्द व दास्तां ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। ऐसे लोगों की मदद के लिए खुद-ब-खुद लोद मदद के लिए आगे बढ़ रहे हैं। सोमवार को ऐसे ही 17 प्रवासी मजदूर करीब सैकड़ों किमी की दूरी तय कर सराय केला से रायगढ़ छत्तीसगढ़ जाने के लिए निकले थे। वे सोमवार की देर रात करीब 10:30 बजे जिला मुख्यालय पहुंचे।
यहां से वे रायगढ़ अपने गांव-घर जाने वाले थे। इनमें अधिकांश महिलाएं शामिल थीं। वे सिर पर लगेज व पसीने से तरबतर होकर गोद में छोटे-छोटे नौनिहालों को पकड़ी हुई थीं। सभी बच्चे भूख के कारण रो रहे थे। वहीं पुरुष बहंगी में बोझ ढो रखे थे। मुख्यालय पहुंचते ही सिसई रोड पर विधि व्यवस्था में तैनात पीएसआई रवि शंकर कुमार, जिला परिवहन विभाग के रोड सेफ्टी पदाधिकारी गौतम कुमार व जवानों ने उन्हें रोक लिया। साथ ही पूछताछ की। इस दौरान मजदूरों ने अपनी जो बाते कही,वह झकझोर देने वाली थी।
मजदूर बोले- साहब दो दिन से भूखे हैं, पहले कुछ खिला दीजिए
मजदूरों ने सबसे पहले अधिकारियों से खाने की मांग की। कहा कि साहब दो दिनों से भूखे प्यासे हैं। दूध नहीं मिलने के कारण छोटे-छोटे बच्चे रो रहे हैं। इसके बाद दोनों अधिकारियों के प्रयास से सभी के लिए पहले भोजन की व्यवस्था की गई। बच्चों को बिस्किट व चॉकलेट दिया। गुमला भक्त के सदस्यों ने भी इस सूचना के बाद मजदूरों के लिए ब्रेड व पानी का इंतजाम किया गया। मौके पर मजदूरो ने बताया कि वे सभी 6 माह पूर्व सराय केला काम की तलाश में पहुंचे थे। जहां उन्हें एक ईंट भट्ठा में काम मिला था। लॉकडाउन के बाद काम ठप हो गया। तब से वे भट्ठा में ही फंसे हुए थे। भट्ठा मालिक उन्हें बार-बार घर जाने को कह रहा था। वाहनों के नहीं चलने के कारण वे परेशान थे। कई कोशिशों के बाद भी जब वाहन नहीं मिला तो रविवार को सभी लोग रायगढ़ जाने के लिए निकले हैं। भट्ठा मालिक द्वारा प्रत्येक मजदूर को दो-दो हजार रुपए देकर विदा किया गया।

लेकिन रास्ते में कुछ भी खाने को नहीं मिला। भूखे प्यासे चलकर वे गुमला पहुंचे हैं। लेकिन यहां से भी आगे पैदल जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मजदूरों का यह दुखड़ा सुनने के बाद पुलिस जवानों का मन पसीज गया। इसकी जानकारी जिले वरीय अधिकारियों को दी। फिर सभी को सिसई रोड से टॉवर चौक भेज दिया गया। इसके बाद टॉवर चौक से छत्तीसगढ़ की ओर जाने वाले एक ट्रक से सभी को उनके गंतव्य स्थल की ओर भेज दिया गया। ट्रक में सवार होते ही मजदूरों के चेहरे खुशी से खिल उठे। उनलोगों ने उन्हें मदद करने वाले दोनों अधिकारियों के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही दिल से दुआएं दी।



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17 workers lost their jobs if they lost their jobs and went to Raigad on foot hungry and thirsty for children


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