बगैर तैयारी के रिम्स के ओपीडी शुक्रवार से खुलेंगे। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार रिम्स प्रबंधन ने शुक्रवार को ओपीडी शुरू करने का निर्णय लिया है। इसे लेकर रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने सभी डॉक्टरों को पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान रिम्स मैनपावर की कमी से जूझ रहा है। लेकिन, सामान्य मरीजों को भी देखना जरूरी है। दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी ओपीडी खोलने का आदेश मिल चुका है। ऐसे में ओपीडी खोलना आवश्यक है।ऐसी परिस्थिति में प्रबंधन के पास जितना मैनपावर है, उससे ही सामंजस्य बनाकर चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने का प्रयास करेंगे। इस दौरान सभी डॉक्टर्स भारत सरकार की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए ओपीडी में मरीजों का इलाज करेंगे। इसके लिए सभी डॉक्टरों और नर्सों के लिए सुरक्षा किट की व्यवस्था की गई है।
मैनपावर नहीं, पीजी छात्र परीक्षा की तैयारी में
रिम्स के टास्क फोर्स की टीम ने कहा कि बिना तैयारी के ओपीडी को खोलना उचित नहीं है। ओपीडी खोले जाने से संक्रमण और बढ़ सकता है। राज्य का सबसे कोविड सेंटर रिम्स है। यहां पर सबसे अधिक संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है। ऐसे में 35 प्रतिशत डॉक्टर और 50 प्रतिशत नर्सेज इन मरीजों की देखभाल में ही जुटीं हैं। पीजी के फाइनल ईयर के छात्रों का 20 जून से परीक्षा है। ऐसे में वे भी पिछले 6 मई से नहीं आ रहे हैं। हमारे यहां तकनीशियनों की पहले से ही कमी है। अभी जो भी हैं, वे कोविड वार्ड और उनके सैंपलों की जांच करने में लगे हुए है। ओपीडी में आने वाले मरीजों का ब्लड व शुगर टेस्ट कैसे कर पाएंगे। ऐसे में ओपीडी शुरू करना बहुत मुश्किल होगा। उन्होंने बताया कि अन्य हॉस्पिटलों में ओपीडी शुरू करवाना उचित था, लेकिन रिम्स में अभी नहीं करना चाहिए था।
डॉक्टरों की सलाह...ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर ओपीडी में आएं
कई डॉक्टरों ने ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर आने वाले मरीजों का इलाज ओपीडी में करने को लेकर सुझाव दिया, तो किसी ने रिम्स के ट्रॉमा सेंटर से स्क्रीनिंग सेंटर और संदिग्ध मरीजों का इलाज सदर में शिफ्ट करने के लिए दिया। संक्रमित और सीरियस संक्रमित मरीजों को केवल रिम्स में रखकर इलाज करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए हमारे यहां 20 प्रतिशत डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ लगे रहते हैं। सदर में स्क्रीनिंग सेंटर शिफ्ट कर देने से ये लोग खाली हो जाएंगे, जिससे ओपीडी बेहतर तरीके से चल पाएगा। डॉक्टरों का कहना है िक रांची में संक्रमितों की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। ऐसे में विभाग कुछ दिन और समय देना चाहिए था। कुछ दिन बाद ओपीडी शुरू होता तो ज्यादा बेहतर रहता।
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