प्रखंड मे मनरेगा योजनाओं मे वेंडर के द्वारा नियम कानून को ताक पर रखकर की जा रही है घोर अनियमितता। उक्त मामला मनरेगा द्वारा संचालित धुरकी गांव का है जिसमें मनरेगा वित्तीय वर्ष 2018-19 के तहत अनिल कुमार ऋषि के नाम से बकरी शेड जिसका कोड संख्या 7080901233734, सकेंद्र कुमार राम कोड संख्या 7080901233757 तथा पवन कुमार ऋषि का 7080901233755 है। उक्त तीनों लाभुकों का बकरी शेड का निर्माण कार्य अधूरा कर छोड़ दिया गया है। लाभुक अनिल ने बताया की उसे और उसके दोनों भाइयों को उक्त बकरी शेड मनरेगा के तहत मिला था उसके बाद मुखिया और रोजगार सेवक के द्वारा शेड निर्माण को पुरा करने के लिए कहा गया।
अनिल ने बताया की उसने जब वेंडर से सामग्री उपलब्ध कराने के लिए कहा तो वेंडर द्वारा संपूर्ण सामग्री का आपूर्ति ससमय नहीं कर पाया उसके बाद अनिल स्वयं अपने पैसे से ईंट इत्यादि सामग्री की खरीदारी कर जैसे तैसे दीवार का निर्माण कर अधूरा छोड़ दिया उसके बाद वह लगातार वेंडर से सामग्री मद मे आए हुए पैसे का मांग करने लगा और वेंडर के द्वारा उसे कहा गया की अभी पैसा नहीं आया है। अनिल एक वर्ष तक पैसे का मांग करता रहा लेकिन वेंडर ने उसे सामग्री मद के पैसे नहीं दिए। अनिल ने बताया की उक्त बकरी शेड निर्माण मे जब वह जानकारी जुटाया तो पता चला की सामग्री मद मे कुल 47125 रू का पुर्ण भुगतान वेंडर के खाते मे 28 मार्च को कर दिया गया है। अनिल ने यह भी कहा की वेंडर ने बकरी शेड बनाने के लिए सामग्री नहीं दिया जिसके कारण उसका शेड का छत एक वर्ष से खुला रहने के कारण जर्जर हो चला है।इस संबंध मे जब बंशीधर नगर अनुमंडल के एसडीएम कमलेश्वर नरायण से पूछे जाने पर उन्होंने बताया की अनियमितता बरता गया है तो यह गलत है। जांचोपरांत उचित कार्रवाई किया जाएगा
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