पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने बुधवार को जिले के रंका अनुमंडल मुख्यालय में रंका अनुमंडल के कई समाजसेवी संगठन के लोगों के साथ बैठक की। साथ ही संक्रमण से गढ़वा को बचाने के लिए विचार-विमर्श किया। उन्होंने गढ़वा जिला में कोरोना संक्रमण के मामले की बेतहाशा वृद्धि पर चिंता व्यक्तकिया है साथ ही कहा कि संकट की घड़ी में सभी सामाजिक संगठनों और सक्षम लोगों को गढ़वा को जलने से बचाने के लिए आगे बढ़ कर गरीबों की सहायता करना चाहिए। क्योंकि राज्य सरकार के भरोसे बैठना समाज के लिए घातक होगा। दिन प्रतिदिन गढ़वा में बढ़ते संक्रमित मरीज चिंता का विषय है। भारत के सबसे गरीब जिले की सूची में शामिल गढ़वा जिला इन दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों का गढ़ बन गया है। जिसके कारण गढ़वा आज पूरे प्रदेश में सुर्खियों में है। उन्होंने कहा कि गढ़वा जिला कई राज्यों की सीमा को साझा करती है।
जिसके कारण लाखों की संख्या में गढ़वा और राज्य के अन्य हिस्से के प्रवासियों का आवागमन निरंतर चालू है। ऐसे में गढ़वा जिला में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा फैलना स्वभाविक है। देश के कोने कोने से गढ़वा लौट रहे प्रवासियों के लिए राज्य सरकार सुविधा मुहैया कराने के बजाय अधिकांश प्रवासियों को होम क्वारेंटाइन की सलाह देकर जिम्मेदारियों से भाग रही है। पूर्व विधायक ने कहा कि आज झारखंड सरकार में शामिल लोग लॉक डाउन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। देश के कोने कोने से लौट रहे प्रवासियों को भेड़ बकरियों की तरह गाड़ी पर लादकर उनके जान के साथ खिलवाड़ करते हुए होम क्वारेंटाइन के लिए भेजा जा रहा है। प्रशासन के नाक के नीचे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पर प्रशासन न जाने किसके दबाव में आंख और कान बंद कर लिया है।
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