कोरोना फाइटर बनकर डटे हुए हैं एमपीडब्ल्यू

गढ़वा जिला अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के सभी बहुद्देशीय कार्यकर्ता - एमपीडब्ल्यू कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न वैश्विक महामारी से बचाव को लेकर अपनी पूरी भागीदारी निभा रहे हैं। कोरोना वायरस के खतरे के बावजूद वे कोविड-19 की जांच के मोर्चे पर पूरी अवधि डटे रहते हैं। मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग के अधीन बहुद्देश्यीय कार्यकर्ता के रूप में जिला में 70 व्यक्ति कार्यरत हैं। इनकी पोस्टिंग विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों व उप केंद्रों में की गई है। हाल के दिनों में कोरोना वायरस जनित वैश्विक महामारी से बचाव व चिकित्सा के क्रम में गढ़वा शहर स्थित सदगुरु श्री जगजीत सिंह नामधारी कॉलेज कैंपस में बाहर से आ रहे मजदूरों की स्वास्थ जांच की जा रही है। इसी जांच के बाद उन्हें होम क्वारेंटाइन या सेंटर पर क्वारेंटाइन किए जाने का निर्णय लिया जाता है। इस दौरान थर्मल स्कैनिंग के माध्यम से प्राथमिक जांच की जाती है। थर्मल स्कैनिंग करने की जिम्मेवारी स्वास्थ्य विभाग के इन्हीं बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं की है।

उन्हीं के द्वारा सैकड़ों की संख्या में सुदूर प्रदेशों से लगातार आ रहे मजदूरों का प्राइमरी हेल्थ चेक अप किया जाता है। मालूम हो कि लगातार सरकारी वादे के बावजूद अभी तक इन बहुद्देश्यीय कार्यकर्ताओं की नौकरी का स्थायीकरण नहीं किया गया है। आज भी वे अत्यल्प मानदेय के विरुद्ध स्थाई हेल्थ वर्कर की तरह सभी मोर्चों पर कार्यरत रहते हैं। उनके मामले में भी भारत की सबसे बड़ी अदालत के द्वारा समान काम के लिए समान वेतन के फैसले का खुल्लम खुला उल्लंघन किया जा रहा है। वह आज भी अनुबंध कर्मी के रूप में जोखिम की स्थिति में भी काम करने के लिए कोरोना फाइटर के रूप में पूरे उत्साह से डटे हुए हैं। इस मौके पर कार्यरत एमपीडब्ल्यू में योगेंद्र चौबे, अनूप कुमार, कुणाल कुमार, देव रंजन, मनदीप, अजीत, प्रयाग व मनीष ठाकुर सहित अन्य के नाम शामिल हैं।



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MPW is stuck as a corona fighter


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