कोरोना वायरस से ठीक हो चुके मरीजों को फिर से संक्रमित होने का खतरा है। लेकिन, राहत वाली बात यह है कि फिर से संक्रमित होने वाले मरीजों को पहले की अपेक्षा दूसरी बार उसे कम पीड़ा होगी। हाल ही में ऐसा ही एक केस भोपाल में देखने को मिला है, जिसमें संक्रमित महिला ठीक होने के 12 दिनों बाद फिर से संक्रमित हो गईं है। रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि कोई भी ठीक हुआ मरीज फिर से संक्रमित तभी हो सकता है, जब वह वायरस के दूसरे स्ट्रेन के संपर्क में आया हो। लेकिन, दूसरी बार संक्रमित होने पर उस मरीज पर वायरस का उतना प्रभाव नहीं होगा, जितना पहली बार हुआ था। क्योंकि एक बार कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाता है तो उसमें वायरस से लड़नेवाली प्रतिरोधक क्षमता उसके शरीर में बन जाती है, ताकि वह उस वायरस से लड़ सके।
मुंबई से लौट रहे हैं मजदूर
अभी हमारे राज्य में आने वाले प्रवासी मजदूरों में संक्रमण अत्यधिक मिल रहा है। महाराष्ट्र से यहां काफी संख्या में प्रवासी मजदूर आ भी रहे हैं। ऐसे में उनके संपर्क में आने वाले ठीक हुए मरीजों को फिर से संक्रमित होने की संभावना है। लेकिन, इसमें घबराने वाली बात नहीं है, क्योंकि उन पर इस वायरस का ज्यादा असर नहीं होगा। वे जल्द ठीक हो जाएंगे और ज्यादा परेशानी भी उन्हें नहीं होगी। इसके दो कारण है, वैसे मरीज जो ठीक हो चुके हैं, वे कोरोनावायरस के आदि हो चुके हैं। दूसरा कारण हमारा राज्य मलेरिया वाला राज्य है, जहां के लोगों में इस तरह के वायरस से लड़ने का क्षमता उत्पन्न करता है।
फिर से संक्रमित होने वाले मरीजों पर वायरस के दूसरे स्ट्रेन का कम असर होने के दो कारण
1 हमारा राज्य में मलेरिया का होना, जिससे प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है
2 ठीक हो चुके मरीजों में वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता है
मुंबई में अमेरिका में फैले वायरस का ही प्रकार, इसलिए अधिक मौतें
डॉ मनोज ने बताया कि विश्व में कोरोना से सबसे अधिक मौतें अमेरिका व ब्राजील और भारत में महाराष्ट्र में हुई है। क्योंकि अमेरिका और ब्राजील में फैले कोरोना वायरस का स्ट्रेन चीन में फैले स्ट्रेन से अलग और ज्यादा प्रभावी था। मुंबई में अमेरिका से अधिक लोग आए। ऐसे में हो सकता है कि महाराष्ट्र में अमेरिका में फैले कोरोना वायरस का स्ट्रेन आया हो और वहां के लोग उससे संक्रमित हुए हों। इस कारण भारत में अन्य राज्यों की तुलना महाराष्ट्र में अत्यधिक लोग संक्रमित हुए और उनकी इस वायरस से मौतें भी ज्यादा हुईं।
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