पंडी नदी में आई बाढ़ से कांडी में तीन किमी तक भरा पानी, सैकड़ाें एकड़ में लगे धान के बिचड़े डूबे

प्रियरंजन विनोद, कांडी प्रखंड क्षेत्र के अति उपजाऊ हेठार क्षेत्र के सैकड़ों किसानों को एक बार फिर आसमानी आफत से दो-चार होना पड़ा है। रविवार काे पंडी नदी में आई बाढ़ ने सैकड़ों एकड़ खेत में लगे धान के पौधों या बीड़ा में लगे धान के बिचड़ों को बहा दिया। तीन किलोमीटर की लंबाई व एक किलोमीटर की चौड़ाई में घुटना भर से लेकर कमर भर पानी भरा हुआ है।

इस आसमानी आफत में तत्काल रोपे गए धान के पौधे उखड़ कर बह गए हैं। जबकि सैकड़ों किसानों के बिचड़े डूबने से सड़ गए। अब किसानों के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बची जिससे पुनः खेतों में धान की रोपनी की जा सके। मालूम हो कि तमाम किसानों ने डीजल पंप से पटवन करके खेतों में धान का बिहन किया था। और डीजल पंप से ही खेतों में पानी भर कर धान की रोपनी की थी। यह प्रक्रिया काफी खर्चीली है।

देर से बरसात होने की प्रत्याशा में किसानों ने कर्ज एवं उधार लेकर धान की रोपनी की थी। लेकिन पंडी नदी में अचानक आई बाढ़ में तमाम फसल को मटियामेट कर दिया। मीलों दूर तक भरे हुए पानी में डूबे खेतों को आंसू भरी निगाहों से देखने के सिवा किसानों के पास कोई चारा नहीं बचा।

कांडी प्रखंड 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष राम लाला दुबे ने कहा कि बलियारी, सोनपुरा, चंद्रपुरा, नावाडीह, भिलमा, पखनाहा, बेलहथ, डेकार, घासी, तीसो, कान्हाआरी, कशियार, बहर, पतीला, बारी, दसकुरवा, चमरखेता, बरवाडीह, पकहा, काला गाड़ा, गाड़ा खुर्द, नारायण पुर सहित कई गांव के सैकड़ों किसान इस आसमानी आफत के बुरी तरह शिकार हुए हैं।



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Flooding of Pandi river, water filled up to three km in Kandi, submerged paddy in hundreds of acres


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