धनबाद में चिकित्सा सुविधाओं को आधुनिक बनाने वाली प्रसिद्ध गायनोकोलॉजिस्ट डाॅ. लीना प्रिया नहीं रहीं

धनबाद की प्रसिद्ध गायनोकोलाॅजिस्ट डॉ लीना प्रिया का मंगलवार की सुबह 7 बजे निधन हो गया। वे 87 साल की थीं और करीब 5 वर्षों से हार्ट की समस्या से पीड़ित होने की वजह से उनका इलाज भी चल रहा था। लुबी सकुर्लर रोड स्थित अपने घर में उन्होंने अंतिम सांस ली। लुबी सर्कुलर रोड में ही उनकी क्लिनिक भी है। उनके दाे पुत्र हैं। बड़ा बेटा डॉ अनिमेष प्रिया एनिस्थेटिक्स हैं, वहीं दूसरा बेटा अखिलेश प्रिया वकालत करते हैं।

डॉ लीना प्रिया के पति डॉ शंकर प्रिया भी अपने समय के प्रसिद्ध गायनोकाेलाॅजिस्ट थे। कुछ वर्ष पूर्व उनका निधन हुआ था। डॉ लीना प्रिया की एक पुत्री चीकू प्रिया का भी बीमारी की वजह से कुछ वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। डाॅ लीना प्रिया के निधन की सूचना मिलने के बाद काफी संख्या में चिकित्सक उनके आवास पहुंचे। अंतिम संस्कार गोविंदपुर के खुदिया तट पर हुआ।

संस्मरण : उनकी स्टूडेंट रहीं डाॅ संगीता करण ने कहा...वे अनुशासन के मामले में जितनी सख्त थीं मरीजों के साथ उतने ही प्यार से मिलती थीं

डाॅ लीना प्रिया के निधन से व्यक्तिगत ताैर पर काफी आहत हूं। काॅलेज के दिनाें में बताैर शिक्षिका उनसे काफी कुछ सीखने काे मिला। उन दिनाें धनबाद में गिने-चुने गायनोकाेलाॅजिस्ट में डाॅ लीना प्रिया का नाम आता था। तब डाॅ गीता वर्मा, डाॅ विमला सेन जैसी चिकित्सक ही धनबाद में हुआ करती थीं। डाॅ लीना प्रिया प्राेफेशन में सख्ती से अनुशासन का पालन करती थी।

अनुशासन के मामले में जितनी सख्त थी, सहयाेगी चिकित्सक व मरीजाें के साथ उनका व्यवहार उतना ही नरम था। उन्हाेंने धनबाद में इस क्षेत्र के माैजूदा चिकित्सा सुविधा काे काफी अपग्रेड किया। वे जितनी अच्छी चिकित्सक थीं, उतनी ही अच्छा खाना भी बनाती है। कई ऐसे अवसर आते थे, जब वह खुद लाेगाें काे खाना बनाकर खिलाती थीं। सामाजिक कार्याें में भी बढ़-चढ़कर याेगदान देती थीं।



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डाॅ लीना प्रिया


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