‘भौजी साड़ी’ कुप्रथा पर ग्रामीणों ने कहा- अब नहीं

अंधविश्वास की कोख से उपजी भौजी साड़ी कुप्रथा पर प्रहार करने का सिलसिला जारी है। बगोदर प्रखंड के नावाडीह शिव मंदिर प्रांगण में मंगलवार को गांव की महिला, पुरुषों की बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अंधविश्वास रूपी भौजी साड़ी का जो उखमा आया है, इसका विरोध किया जाएगा। कहा कि यदि इस कुप्रथा को निभाने की किसी ग्रामीण ने हिमाकत की तो उससे 5051 रुपए जुर्माना भी वसूला जाएगा। इस गांव की कोई भी महिला इस कुप्रथा के जरिए न तो भाभी को साड़ी देंगी और न ही किसी से साड़ी लेगी। यदि कोई भी व्यक्ति साड़ी लेते देते पकड़ा गया तो 5051 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता नारायण महतो व संचालन उमेश प्रसाद ने किया। नारायण ने कहा कि नावाडीह गांव में यह कुप्रथा निभाने पर रोक लगेगी। भौजी साड़ी के पहले घर की महिलाओं को अपने घर से 24 घंटे बाहर रहने, घर के किसी भी परिवार का मुंह नहीं देखने, नीम की डाल को एक गांव से दूसरे गांव में रखने, जितने पुत्र हैं, 12 बजे रात्रि के बाद उतना लोटा पानी से स्नान करने, ननद के घर से साड़ी और मिठाई लाने की कुप्रथा झेल चुके हैं। अब भौजी साड़ी की कुप्रथा के तहत सभी ननदों को अपनी भाभियों को साड़ी देना है। भाई को शर्ट व पैंट का कपड़ा देना है। जो व्यक्ति इन समानों को पहुंचाने जाएगा उस व्यति को मीट-भात या मछली-भात खिलाने की शर्तें हैं। इसका पालन नहीं करने वाले के साथ कुछ न कुछ अनहोनी होने का कुप्रचार शामिल है। ग्रामीणों ने अगल-बगल के गांव से भी अपील किया है कि इस प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं दें। बैठक में रंजीत टाइगर, मोहन महतो, भीखी पासवान, रमेश महतो, मुकेश पासवान, दिनेश्वर प्रसाद, बालेश्वर महतो, रूपलाल महतो, सरजू महतो, रीता देवी, गीता देवी, अनिता देवी, सरस्वती देवी, पार्वती देवी, बसवा देवी, निरिया देवी, झालिया देवी, इसिया देवी, चिंता देवी, खगिया देवी, अनपी देवी, बसन्ती देवी, रोहणी देवी समेत अन्य उपस्थित थे।



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Villagers said on 'Bhauji Saree' misdeed - not now


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