राज्य खाद्य निगम के राजनगर गोदाम में निर्धारित क्षमता से ज्यादा करीब 23 क्विंटल गेहूं पाए जाने के मामले में मार्केटिंग आफिसर (एमओ) श्रवण कुमार निराला व सहायक गोदाम प्रबंधक (एजीएम) कमला जारिका जिम्मेदार है। उक्त बातें सरायकेला एसडीओ सह जांच अधिकारी रामकृष्ण कुमार ने कही। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट शनिवार को सराईकेला -खरसावां के डीसी इकबाल आलम अंसारी को सौप दी।
मालूम हो कि 15-16 सितंबर की रात में पोटका -जादूगोड़ा मार्ग पर एक ट्रक पलटी हो गया था जिस पर करीब 50 क्विंटल गेहूं लदा हुआ था। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया था कि यह गेहूं राजनगर गोदाम से कालाबाजारी करने वालों उठाव किया था और जादूगोड़ा के धीरोर बांगों में स्थित राइस कम फ्लावर मिल में ले जाया जा रहा था। इस सूचना के बाद डीसी ने एसडीओ की अगुवाई में जांच टीम का गठन किया गया था जिसमें राजनगर की सीओ निवेदिता नियति को भी शामिल किया गया है।
जांच टीम ने राजनगर गोदाम में गेहूं के भंडारण की जांच चार दिन पहले की तो पाया कि वहां करीब 23 क्विंटल गेहूं स्टाक से ज्यादा है। एसडीओ ने बताया कि गोदाम में स्टाक से ज्यादा गेहूं का भंडारण कैसे हुआ इस संबंध में एमओ व एजीएम से रिपोर्ट की मांग की गई थी। दोनों अधिकारियों को 25 सितंबर तक जवाब देना था, पर दोनों ने जवाब नहीं दिया है। इस कारण जांच अधिकारी ने इन दोनों को दोषी पाए है। जांच अधिकारी ने राजनगर गोदाम में चावल के भंडारण की जांच के लिए एक टीम बनाने का सुझाव दिया है।
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