टेक्निकल यूनिवर्सिटी झारखंड (जेयूटी) में राजभवन से अनुमति लिए बिना ही पीएचडी कोर्स शुरू होने का मामला सामने आया है। नए कोर्स की पढ़ाई शुरू करने से पहले विवि प्रशासन को ऑर्डिनेंस बनाकर तकनीकी शिक्षा विभाग के माध्यम से राजभवन से अनुमति लेना चाहिए था। लेकिन, नियम की अनदेखी कर यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा पीएचडी कोर्स की पढ़ाई शुरू कर दी गई। यूनिवर्सिटी में बोर्ड ऑफ स्टडी और रिसर्च काउंसिल का भी गठन भी नहीं किया गया है। सोमवार को टेक्निकल विवि के रजिस्ट्रार डॉ. कुणाल कुमार से टेक्निकल छात्र संघ के प्रेसिडेंट बादल सिंह मिले और समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया।
कहा कि जब ऑर्डिनेंस की राजभवन से स्वीकृति नहीं मिली तो कैसे पीएचडी की पढ़ाई हो रही है। रजिस्ट्रार ने जवाब में कहा कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की गाइडलाइन के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर राजभवन को सूचना दे दिए हैं, जिसका जवाब नहीं मिला है। बताते चलें पिछले वर्ष से टेक्निकल यूनिवर्सिटी में पीएचडी कोर्स की पढ़ाई हो रही है।
रजिस्ट्रार ने कहा... राजभवन को दे दी गई है सूचना, लेकिन नहीं मिला है जवाब
आरयू में बिना अनुमति के शुरू हुआ था एमफिल
रांची यूनिवर्सिटी में छह वर्ष पहले पीजी के सभी विभागों में एमफिल कोर्स की पढ़ाई शुरू हुई थी। सभी विभागों में 40-40 सीटों पर मनमानी ढंग से एडमिशन लिया गया था। मामला प्रकाश में आने के बाद राजभवन में इस कोर्स की परीक्षा पर रोक लगा दी थी। बाद में छात्रहित हवाला देते हुए हर विभाग में सिर्फ 10 सीटों पर एडमिशन लेने का निर्देश दिया।
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