5 शुभ योगों में कल मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा, लक्खी पूजा के रूप में भक्त माता लक्ष्मी की भी करेंगे आराधना
30 अक्टूबर को शरद ऋतु में आने वाली अश्विन महीने की पूर्णिमा है। इस दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान शरद पूर्णिमा पर ही देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थी। इसलिए इसे लक्ष्मीजी के प्राकट्य दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या कोजागरी लक्ष्मी पूजा भी कहते हैं। इस दिन खासतौर पर रात को चावल की खीर बनाकर चंद्रमा के नीचे रखा जाता है।
मान्यता है कि इस दिन अमृतवर्षा होती है। इसलिए चंद्रमा के नीचे रखी खीर खाने से कई प्रकार की परेशानियां समाप्त हो जाती है। साथ ही जो लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और अपने घर में उनको आमंत्रित करते हैं, उनके यहां वर्ष भर धन व वैभव की कोई कमी नहीं हाेती है। बंगाली समुदाय में कोजागरी लक्खी पूजा के दिन दुर्गापूजा वाले स्थान पर मां लक्ष्मी की विशेष रूप से प्रतिमा स्थापित कर के पूजा-अर्चना करते हैं।
31 अक्टूबर को व्रत और स्नान-दान
पंडित चक्रपाणि पाठक के अनुसार देशभर के महत्वपूर्ण पंचांगों के मुताबिक अश्विन महीने की पूर्णिमा तिथि 30 अक्टूबर को शाम करीब पौने छह बजे से शुरू हो जाएगी और रातभर पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए शुक्रवार की रात को शरद पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि अगले दिन यानी 31 अक्टूबर को पूरे दिन रहेगी और रात को करीब 8 बजे खत्म हो जाएगी। शनिवार को पूर्णिमा व्रत, पूजा, तीर्थ स्नान और दान किया जाना चाहिए।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त
30 अक्टूबर, शुक्रवार को प्रॉपर्टी खरीदी के लिए विशेष शुभ मुहूर्त बन रहा है। शरद पूर्णिमा पर सर्वार्थसिद्धि योग होने से इलेक्ट्रॉनिक सामान, ज्वेलरी, फर्नीचर, व्हीकल और सुख-सुविधा देने वाले अन्य सामानों की खरीदारी की जा सकती है। इस दिन रवियोग और अमृत-सिद्धि योग दोपहर 3 बजे तक रहेंगे।
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