स्कूलों में बढ़ रही है मनमानी, इसे रोकने के लिए अधिकारी विद्यालयों का करें निरीक्षण

अब जिले के शिक्षा पदाधिकारियों को अपने दफ्तर की कुर्सियों को छोड़ स्कूल के दरवाजे पर पहुंचना होगा। वहां की व्यवस्था और कार्यशैली की रिपोर्ट अपने उच्च अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट देनी होगी। शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने इस संबंध में सभी जिले के अधिकारियों को निर्देश जारी किया है।

शिक्षा सचिव ने अपने निर्देश में कहा है कि स्कूलों और ऑफिसेज में नियमित निरीक्षण नहीं होने के कारण स्कूलों व ऑफिसेज में मनमानी (स्वेच्छाचारिता) की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस स्थिति को रोकने के लिए जरूरी है स्कूलों को नियमित निरीक्षण करते रना। इसे रोकने के लिए RDDE हर महीने 10 और DSE 20 विद्यालयों का करें निरीक्षण करने का निर्देश शिक्षा सचिव ने दिया है।

RDDE को पुस्तकालयों का भी करना होगा निरीक्षण
जारी आदेश के तहत क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (RDDE) अपने अधीनस्थ जिलों में प्रत्येक माह दस कार्य दिवसों में कम से कम 20 स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। साथ ही, माह में कम से कम एक बार पुस्तकालयों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालयों का भी निरीक्षण करेंगे। इसी तरह, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) तथा जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) सात कार्य दिवसों में कम से कम 20 स्कूलों तथा माह मे कम से कम एक बार अपने अधीनस्थ कार्यालयों का निरीक्षण करेंगे।

DSE से लेकर BEEO तक की तय हुई जिम्मेदारी
इसी तरह, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी माह में कम से कम 20 स्कूलों और एक बीआरसी तथा सीआरसी का निरीक्षण करना होगा। प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) 15 कार्य दिवसों में अपने प्रखंड के 30 स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। विभाग ने बाकायदा निरीक्षण का नया फॉरमेट दिया है, जिसमें स्कूल से संबंधित पूरा ब्योरा के अलावा उपलब्ध राशि, योजनाओं की स्थिति आदि की जानकारी देनी है। सभी रिपोर्ट निर्धारित माध्यमों से होते हुए विभाग को भेजी जाएगी।

बेहतर करने वाले शिक्षक होंगे सम्मानित
अधिकारी निरीक्षण के क्रम में यह भी देखेंगे कि शिक्षा विभाग की ओर से तैयार पाठ्यचर्या (सिलेबस) के तहत बच्चों को पढ़ा रहे हैं या नहीं। वैसे शिक्षक या कर्मी जिनके कारण बच्चों की शिक्षा में काफी सुधार हुआ है, उनका भी जिक्र रिपोर्ट में करने को कहा गया है। विभाग द्वारा ऐसे शिक्षकों एवं कर्मियों को प्रशस्तिपत्र दिए जाएंगे। विभाग ने पिछले माह जून से अबतक किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट भी मांगी है। साथ ही, पिछले तीन वर्षों की वार्षिक परीक्षा के परिणाम की भी जानकारी मांगी गई है।

अनुपस्थित रहने वालों पर होगी कार्रवाई
निरीक्षण में यह भी देखा जाएगा कि कौन शिक्षक या कर्मी कब अनुपस्थित रहे हैं। रिपोर्ट में इसकी भी जानकारी मांगी गई है। साथ ही, विद्यालय में उपलब्ध जमीन, लैब, लाइब्रेरी आदि का भी ब्योरा देने को कहा गया है। शिक्षा सचिव राहुल शर्मा द्वारा इसे लेकर जारी आदेश में कहा गया है कि पदाधिकारी निरीक्षण के क्रम में स्कूलों में कम से कम एक क्लास भी लेंगे, जो 40 मिनट का होगा।



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अधिकारियों को देखना होगा कि शिक्षत तय सिलेबस के हिसाब से पढ़ा रहे हैं कि नहीं। (फाइल फोटो)


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