खुशियों से भरा लम्हा:अनाथों की तरह जी रहे थे पांचों बच्चे; 7 साल बाद पिता से मिले, अफसाेस- बच्चों को खोजते-खोजते गुजर चुकी थीं मां

आंसुओं के साथ एक-दूसरे से लिपटते रहे पिता और बच्चे, पिता ने कहा-मुझे सारे संसार की खुशी मिल गई,पिता बाेले- बच्चों से मिला, तो मानाे संसार की सारी खुशी मिल गई,पिता जब बच्चों से मिले, उनके हाथों में था बिस्किट-लड्‌डू

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