पूर्वी सिंहभूम जिले में कुल 1567 कोरोना मरीज है। 20 से 28 जुलाई तक शहर में 21 मरीजों की मौत हो चुकी है। एक्टिव केस की संख्या 907 पहुंच गई है। शहर की बात करें तो सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज कदमा में हैं। यहां पर अब तक 73 लोग संक्रमित हो चुके हैं। दूसरे नंबर पर मानगाे और साकची है।
मानगो में अब तक 66 और साकची में 55 पॉजिटिव मिले हैं। बिष्टुपुर और बारीडीह में 45-45 केस हैं। टीएमएच ने शहर के टॉप-12 इलाकों का लिस्ट जारी किया है, जहां पर सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज हैं। टीएमएच में भर्ती मरीजों के आधार पर सबसे कम केस जुगसलाई में, यहां पर अब तक 22 लोग संक्रमित मिले हैं।
वहीं दूसरी ओर जिले के कोविद अस्पतालों में बेड की स्थिति देखें तो नो बेड की है। एमजीएम में बने डेडिकेटेड कोविद वार्ड 100 बेड में 105 मरीजों को रखा गया है। इतना ही नहीं वार्ड के डाॅक्टर्स, नर्स व कंप्यूटर रूम को खाली कर वहां बेड लगाकर 11 मरीजों की इलाज किया जा रहा है। 28 जुलाई को अस्पताल के किसी डाॅक्टर व मरीज की रिपोर्ट पाॅजिटिव आती है तो उसे अस्पताल में एडमिट नहीं किया जा सकता है।
यहीं हाल टीएमएच में हैं, जहां सीसीयू में नो बेड की स्थिति है। वार्ड में भी 325 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन किसी वीआईपी के आने पर विशेष केबिन सुविधा देने में खुद को असमर्थ महसूस कर रहा है। एमजीएम में एक सौ बेड का आइसोलेशन वार्ड व 100 वार्ड का कोविद वार्ड बनाया गया है। कोविड वार्ड 100 की जगह 105 मरीज रखे गए हैं।
45-45 बिष्टुपुर और बारीडीह में पॉजिटिव संक्रमितों की संख्या बराबर
22 मरीज जुगसलाई में मिले हैं, जबकि कंटेनमेंट जोन सबसे ज्यादा बागबेड़ा क्षेत्र में
सदर और अनुमंडल अस्पताल में भी बेड बढ़ाए जाएंगे, अन्य विकल्पों पर भी विचार
एमजीएम अस्पताल के पांच डाॅक्टर समेत 40 नर्स व पारा मेडिकल स्टाफ के कोरोना पाॅजिटिव पाए जाने के बाद कोविड वार्ड में बनाए गए डाॅक्टर्स, नर्स रूम को दूसरी जगह शिफ्ट कर यहां भी 11 बेड लगाया गया है जहां अस्पताल के डाॅक्टर व कर्मचारियों का इलाज किया जा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर है कि अब अस्पताल के डाॅक्टर व कर्मचारी संक्रमित होते हैं तो उन्हें दूसरी जगह इलाज के लिए भेजना पड़ेगा। नो बेड की स्थिति को देखते हुए सदर व अनुमंडल अस्पताल में भी बेड बढ़ाने की कवायद चल रही है।
प्रोफेशनल फ्लैट्स के 100 बेड को 500, यात्री निवास में 200 बेड और अवध डेंट्ल काॅलेज में 500 बेड बनाया जा रहा है। साथ ही अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर आइएमए अध्यक्ष डाॅ. उमेश खान ने कहा कि मानगो के एक अपार्टमेंट में कुछ डॉक्टर रहते हैं लेकिन वहां सोसाइटी के लोगों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। जो बिल्कुल गलत है। वह उपायुक्त से मिलेंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे।
डॉक्टर्स और कर्मचारी पॉजिटिव मिले तो एमजीएम में इलाज नहीं
100 बेड की जगह 105 बेड लगाया है। डाॅक्टर्स, नर्स चैंबर खाली कर बेड लगाकर अस्पताल के कोरोना पाॅजिटिव डाॅक्टर्स व कर्मचारियों का इलाज हो रहा है। दुर्भाग्यवश अगर अस्पताल के डाॅक्टर व कर्मचारी पाॅजिटिव होते हैं तो उन्हें अपने अस्पताल में एडमिट नहीं किया जा सकेगा।
-डाॅ. नकुल प्रसाद, उपाधीक्षक सह कोरोना नोडल पदाधिकारी एमजीएम
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