कोल्हान के मानकी-मुंडाओं के अधिकार, सीमांकन और गांव में कार्य क्षेत्र को निर्धारित करे सरकार

मंगलवार को कोतवाल साई स्कूल परिसर में मानकी-मुंडा संघ की बैठक संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार महतो की अध्यक्षता में की गई। इसमें कुचाई-खरसावां के मानकी-मुंडाओं की समस्याओं को लेकर चर्चा हुई। बैठक में 1837 में लाबू विल्किंसन रूल जिसे अविभाजित बिहार के समय में तत्कालीन राज्यपाल द्वारा एक अधिसूचना संख्या-3533 के अनुसार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13(3) के तहत कोल्हान प्रमंडल के सभी मानकी-मुंडा क्षेत्रों में मानकी-मुंडा प्रथा को 26 अगस्त 1953 में अपने अधिसूचना के माध्यम से मान्यता दी गई है। जिसका अक्षरसा पालन करने, 1913-14 के सर्वे सेटलमेंट के आधार पर भारत सरकार परिसीमन आयोग द्वारा सीमांकन के आधार पर सीमांकन कर कोल्हान के मानकी-मुंडाओं के अधिकार को और कार्य क्षेत्र को निर्धारित करने,

मानकी-मुंडाओं के अपने स्वशासन व्यवस्थाओं के अंतर्गत न्यायिक एवं प्रशासनिक गांव के अंदर छोटो-छोटे मामलों का निपटारा करने का आदेश देने की स्वीकृति अनिवार्य करने की मांग की गई है। मानकी-मुंडाओं ने छह सूत्री मांग पत्र कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त को सौंपने की बात कही है। मौके पर मानकी-मुंडा संघ के कोषाध्यक्ष अनिल मोहांती, संयोजक सुरेन्द्र हांसदा, दुर्योधन प्रधान, वृंदावन महतो, राज कुमार नायक, संतोष कुमार नायक, जगमोहन सोय, देवेश चंद्र महतो, मुन्ना गोप,रंजीत प्रधान, शशिभूषण प्रधान आदि थे।



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Government should determine the rights, demarcation and working area of the villages of Kolhan's standard-shaven


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