फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा लेने के विराेध में विवि और कॉलेजों के शिक्षकों ने किया ऑनलाइन प्राेटेस्ट

फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा आयाेजित करने के विराेध में बुधवार काे अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (एआईफुक्टो) के आह्वान पर शिक्षकाें ने ऑनलाइन प्रदर्शन किया। इस दाैरान शिक्षक घर में यूजीसी के फैसले के विराेध में स्लाेगन लिखी हुई तख्ती लेकर बैठे। ऑनलाइन विरोध से संबंधित स्मार पत्र कुलपति, कुलाधिपति और यूजीसी को भी भेजा। शिक्षकों का मानना है कि छात्रों के अनुपात में संस्थानों में आधारभूत संरचना की कमी है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों के पास भवन और बेंच-डेस्क की कमी है।

जमशेदपुर में इस विरोध का नेतृत्व एआईफुक्टो के राष्ट्रीय सचिव विजय कुमार पीयूष ने किया। इस दाैरान शिक्षकाें ने यूजीसी से अधिसूचना को वापस लेने की मांग की। मालूम हाे कि यूजीसी के निर्देश के तहत फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा 30 सितंबर तक हर हाल में लेनी है। शिक्षकाें ने कहा कि सभी विद्यार्थियाें के पास स्मार्टफोन नहीं है और दूरस्थ इलाकों में बारिश के मौसम में टावर संबंधी या नेट नहीं मिलने की बाधा आती रहती है। परीक्षा में कदाचार की संभावना भी बनी रहेगी, क्योंकि स्मार्टफोन से होने वाली परीक्षा में कोई भी छात्र दूसरे किसी अन्य स्रोत से जानकारी प्राप्त कर लिख सकता है। इधर, शिक्षकाें का जिस समय यह विराेध चल रहा था उस समय वीमेंस काॅलेज द्वारा ऑनलाइन परीक्षा ली जा रही थी।

शिक्षकाें काे यूजीसी की इन बिंदुओं पर है आपत्ति

विभिन्न विवि, कॉलेजों में दूरस्थ क्षेत्रों के छात्र आकर पढ़ाई करते हैं वे अपने गांव चले गए हैं। ऐसे में अभी उनका आ पाना संभव नहीं है।
यूजीसी का यह अनिवार्य निर्णय कि सभी संस्थान अंतिम वर्ष के छात्रों का सितंबर में परीक्षा ले लें, अव्यावहारिक, अवैज्ञानिक और कोविड-19 को कम्युनिटी ट्रांसफर में बदलने में सहायक सिद्ध होगा।



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In order to take the final semester examination, the teachers of universities and colleges did the online test.


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