जिला प्रशासन कोविड वार्ड के लिए खोज रहा भवन, इधर धालभूमगढ़ में सात करोड़ से बने भवन कूड़े में हो रहे तब्दील
घाटशिला अनुमंडल में कोरोना संक्रमण का चेन तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर धालभूमगढ़ प्रखंड में हुआ है। मरीजों का इलाज करते-करते कोरोना वारियर्स डॉक्टर तथा उनका परिवार संक्रमित हो चुका है। इससे यहां स्वास्थ्य सेवा पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण धालभूमगढ़ स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी को बंद कर दिया गया है। इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। मरीजों को घाटशिला अथवा चाकुलिया जाने को कहा गया है। यहां सीएचसी भवन काफी छोटा है। इस वजह से संक्रमण फैलने की आशंका में स्वास्थ्य कर्मी भी यहां नहीं आ रहे हैं।
मालूम हो कि धालभूमगढ़ में करीब 7 करोड़ रुपए खर्च कर आस-पास में ही 2 नए स्वास्थ्य भवन बनकर तैयार हैं। जबकि तीसरे भवन निर्माण में काम लगा हुआ है। लेकिन इसका उपयोग नहीं होने के कारण धीरे-धीरे उक्त भवन कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं। इधर आने वाले दिनों में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी नए भवन खोजते फिर रहे हैं। करीब 10 से 12 साल पहले बने अस्पताल भवन जर्जर हो रहे हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएससी) भवन करीब साढ़े चार करोड़ रुपए की लागत से बना है। उक्त भवन का निर्माण 2007-08 के दौरान हुआ था। इस भवन तक जाने का उचित रास्ता ही नहीं है। फिलहाल भवन में कुछ भी नहीं है। भवन के उपकरण तथा उपस्कर की चोरी हो चुकी है। भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। खिड़की-दरवाजा व पेयजल आपूर्ति के मोटर आदि चोरी हो चुकी है।
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