14 आदिवासी अफसर 14 साल से झारखंड आने को कर रहे संघर्ष, सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र

जीतेंद्र कुमार, बिहार सरकार के पटना सचिवालय के विभिन्न विभागों में करीब 14 साल से 14 आदिवासी प्रशाखा पदाधिकारी फंसे हुए हैं। पटना हाईकोर्ट के आदेश, केंद्र सरकार और बिहार सरकार की सहमति के बाद भी इनकी सेवा झारखंड को स्थानांतरित नहीं हो पा रही है।

दिलचस्प यह है कि हाईकोर्ट और केंद्र सरकार के आदेश पर बिहार सरकार ने जब इन अफसरों की सेवा झारखंड को सौंपने के लिए तत्कालीन रघुवर सरकार से एनओसी मांगी तो सरकार ने 29 जुलाई 2019 को सिर्फ यह कहते हुए गृह विभाग (विशेष शाखा) बिहार सरकार को पत्र लिख दिया कि वादीगणों की सेवा झारखंड राज्य में लिए जाने पर असहमति है।

इसके विरोध में श्रीकांत गुड़िया व अन्य ने फिर केंद्र सरकार को रिप्रजेंट किया कि बगैर कारण बताए झारखंड सरकार ने उनकी मांग को रिजेक्ट कर दिया है। इसके बाद केंद्र सरकार ने फिर से दोनों राज्यों को इस मामले का हल निकालने का निर्देश दिया है। लेकिन, झामुमो की नेतृत्ववाली नई सरकार में भी मामला लंबित है। गुड़िया ने हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में कहा है कि अलग राज्य का निर्माण आदिवासियों के विकास और उसके हित को ध्यान में रख कर किया गया है, इसलिए उनकी सरकार द्वारा इस मामले में यथाशीघ्र सकारात्मक निर्णय लिए जाने की अपेक्षा है।

झारखंड सरकार लेने से कर चुकी है इंकार

अविभाजित बिहार में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए चिह्नित बैकलॉग पोस्ट भरने के लिए 1999 में बीपीएससी ने परीक्षा ली और नवंबर 2000 के प्रथम सप्ताह में रिजल्ट निकला। लेकिन, इस परीक्षा में सफल हुए आदिवासी अभ्यर्थियों की नियुक्ति वर्ष 2002 में हुई। क्योंकि, झारखंड गठन के बाद दोनों राज्यों में प्रशासनिक अव्यवस्था और दबाव की स्थिति थी। नियुक्त होने के बाद सभी 14 आदिवासी प्रशाखा पदाधिकारियों ने बिहार सरकार से अपनी सेवा झारखंड स्थानांतरित करने की मांग की। मामला दोनों राज्यों के बीच फंसा रहा।

अंतत: श्रीकांत गुड़िया व अन्य ने अपनी सेवा झारखंड में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर वर्ष 2007 में पटना हाईकोर्ट में सीडब्ल्यूजेसी-15075 दायर कर दिया। हाईकोर्ट ने 18 जुलाई 2018 को बिहार और झारखंड सरकार को आपसी सहमति से छह माह के भीतर वादी के पक्ष में फैसला लेने का आदेश देकर याचिका निष्पादित कर दिया। उसके बाद जब बिहार सरकार ने झारखंड सरकार से सभी 14 कर्मियों की सेवा लेने के मामले में एनओसी मांगी तो झारखंड ने 29 जुलाई 2019 को असहमति जता दी।

पटना में पदस्थापित 14 एसटी पदाधिकारियों के नाम
श्रीकांत गुड़िया (कैबिनेट), किरण माला पंवरिया (गृह), अतकस बाड़ा (निगरानी), कृष्णा उरांव (स्वास्थ्य), सुनील कुमार लकड़ा (कैबिनेट), इग्नासियुस हेंब्रम (विधि), आशा निर्मला टोप्पो ( पथ निर्माण), मंजू सीमा तिग्गा (मत्स्य निदेशालय), सुजाता मेझेरेन एक्का (पंचायती राज),अजय सतीश भेंगरा (शिक्षा), मनोहर टोप्पो ( पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय भागलपुर), राजीव बर्नार्ड कुजूर ( मुख्य अभियंता कार्यालय सिंचाई विभाग) व रतन कुजूर (मुख्य अभियंता कार्यालय सिंचाई विभाग)।



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14 tribal officers have been struggling for 14 years coming to Jharkhand, letter written to CM Hemant Soren


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