
कोरोना के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी अस्पतालों के लिए एक दिन में अधिकतम 18 हजार रुपए लेने की सीमा तय किए जाने से सत्ता और विपक्ष दोनों में नाराजगी है। इनका कहना है कि राज्य की जनका में इतनी क्षमता नहीं है कि वे एक दिन में 18 हजार रुपए खर्च कर सकें। जबकि निजी अस्पतालों का प्रयास होगा कि वह मरीज और उनके अभिभावकों से अधिकतम पर राशि प्रतिदिन वसूल कर ले। प्रदेश राजद अध्यक्ष अभय सिंह ने कहा, एक दिन की इतनी राशि चुकाना झारखंड के गरीब व मध्यम के वश में नहीं है। फिर से समीक्षा कर नई दर तय की जाए।
भाजपा बोली- अस्पतालों की मॉनिटरिंग का सिस्टम नहीं है
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा- राज्य सरकार द्वारा तय दर राज्य के लोगों के अनुरूप नहीं है। यह भी है कि कोई शिकायत करना चाहे, तो इसके लिए सिस्टम नहीं बना है।
झामुमो ने भी कहा- दर की फिर से समीक्षा होनी चाहिए
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी तय दर की समीक्षा करने की मांग की। कहा-रांची को क्लास वन सिटी में रखकर दर तय की गई है, पर अधिकतर जनता के लिए चुका पाना मुश्किल होगा।
कांग्रेस को भी तय दर पर आपत्ति
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा- रांची के साथ ही धनबाद, बोकारो व जमशेदपुर को भी इसी श्रेणी में रखा गया है। ऐसे में उन जिलों में दर और कम होनी चाहिए। रांची के लिए भी यह दर अधिक है, इस पर पुनर्विचार हो।
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