25 साल बाद देश में इतनी रिमझिम, अगस्त में ही 123% बारिश; झारखंड में 6% कम

अनिरुद्ध शर्मा, देश में मानसूनी सीजन में 88 सेंटीमीटर बारिश को सामान्य माना जाता है। अब तक मानसून के 88 दिनों में 74 सेमी बारिश हो चुकी है। यानी कोटे का 81% पानी बरस चुका है और अभी मानसून की वापसी शुरू होने में 20 दिन बचे हैं। मौसम विभाग कह रहा है कि यही दौर जारी रहेगा और इस बार विदाई तक मानसून सामान्य से 4 से 6% तक ज्यादा भिगोएगा। सिर्फ अगस्त की बात करें तो अब तक 123% फीसदी बारिश हो चुकी है, जो पिछले 25 वर्षों में सर्वाधिक है।

इधर, झारखंड में पिछले साल की तुलना में 27 अगस्त तक 20% अधिक (743.7 मिमी) बारिश हो चुकी है। हालांकि, अब भी यह सामान्य से 6% कम है। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्रा बताते हैं कि 3, 9, 13, 19 और 24 अगस्त को निम्न दबाव का क्षेत्र पैदा हो गया और हर बार ओडिशा से शुरू होकर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से होते हुए गुजरात तक गया। निम्न दबाव का क्षेत्र बारबार बनने और उसके मानसूनी टर्फ के साथ जुड़ने से इस बार घंटों की रिमझिम बारिश का ट्रेंड दिखा।

इंडियन डायपोल नेगेटिव, फिर भी ला-नीना सितंबर में कराएगा ज्यादा बारिश

इंडियन ओशीन डायपोल के नेगेटिव (जब हिंद महासागर के पूर्वी सिरे पर समुद्री सतह का तापमान पश्चिमी सिरे की तुलना में ज्यादा गर्म हो जाता है) होने का दक्षिण पश्चिमी मानसून पर विपरीत असर पड़ता है, लेकिन प्रशांत महासागर में ला-नीना की वजह से संभावना बनी हुई है कि सितंबर में भी सामान्य से कुछ अधिक ही बारिश होगी।

मौसम विभाग के 36 सब-डिवीजन में से सिर्फ 4 में सामान्य से कम बारिश

मानसून की वापसी की शुरुआत राजस्थान के पोकरण से 17 सितंबर को होगी और 15 अक्टूबर तक यह पूरे देश से विदा हो जाएगा। मौसम विभाग के 36 सब-डिवीजन में से 32 मंे अब तक सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। केवल 4 सब-डिवीजन जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी यूपी और नगालैंड-मिजोरम-त्रिपुरा में सामान्य से कम बारिश हुई है।

रांची में पिछले साल से 30% अधिक बारिश

रांची में पिछले साल से 27 अगस्त तक 533.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जाे सामान्य से 34 प्रतिशत कम थी। इस बार अब तक 775.4 एमएम बारिश हो चुकी है। हालांकि, बारिश अब भी सामान्य से 4 प्रतिशत कम है। माैसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अब भी 15 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। जबकि आठ जिलों मेें सामान्य से अधिक हुई।

पिछले वर्ष मानसून में 10% ज्यादा जबकि इस बार अब तक 7% ज्यादा बारिश हो चुकी है। पिछले साल जून में बहुत कम और विदाई के वक्त भारी बारिश हुई थी। इस साल जून में अच्छी बारिश के बाद जुलाई कमजोर रहा, फिर अगस्त में मानसून सक्रिय है। - डॉ. मृत्युंजय महापात्रा, महानिदेशक, मौसम विभाग



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