लॉकडाउन में राजधानी के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पिछले 5 महीने से किराए का घर बदल-बदल कर पीएलएफआई का तीन उग्रवादी शरण लिए हुए थे। लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लग रही थी। तीनों उग्रवादी एरिया कमांडर पुनई उरांव के इशारे पर व्यवसायियों से लेवी वसूल रहे थे और संगठन तक पैसा पहुंचा रहे थे। तीन उग्रवादियों को पुलिस ने शनिवार को नामकुम और पंडरा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।
इसके पास से पुलिस ने दो पिस्टल और 29 गोलियां बरामद की हैं। ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि पकड़े गए तीनों उग्रवादियों ने जानकारी दी है कि अब तक 25 व्यवसायियों से लेवी की मांग कर चुके हैं। इनमें से लगभग 15 व्यवसायियों ने कुछ रकम उग्रवादियों को दी है। लेकिन, किसी ने पुलिस में शिकायत नहीं की। उग्रवादियों ने बताया कि व्यवसायियों से लेवी की मांग करने के लिए व्हाट्सएप कॉलिंग का इस्तेमाल किया जाता है। तीनों उग्रवादी नगड़ी के रहने वाले हैं।
बड़ा सवाल... व्यापारियों ने नहीं की शिकायत, क्या पुलिस से भरोसा उठा?
विनय पर 2018 में रंगदारी, लूटपाट व आर्म्स एक्ट का मामला नगड़ी थाना में दर्ज हुआ। 2019 में नगड़ी में अपने चाचा प्रकाश तिग्गा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सनी पर नगड़ी थाना में बाबू खान की हत्या, रातू थाना में इम्तियाज अंसारी की हत्या और ओरमांझी थाना में सुंदर दास की गोली मारकर हत्या करने का मामला दर्ज है।
कचना पाहन के बारे में पुलिस को अभी तक कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है। पुलिस पूछताछ कर रही है। आसपास के थानों से संपर्क कर जानकारी जुटा रही है।
ऐसे हुए गिरफ्तार... हत्या से पहले रेकी के लिए किराए पर ले रहा था मकान
उग्रवादियों ने बताया कि वे लोग एक जमीन कारोबारी से लेवी की मांग कर रहे थे, पर उसने पैसा देने से इंकार कर दिया। इसके बाद विनय व कचना उसकी हत्या करने पहुंचे। चुटिया के केतारीबागान स्थित वीरेंद्र मंडल का घर किराए पर लेने के लिए बातचीत चल रही थी कि पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने सनी के बारे में जानकारी दी, जिसे पंडरा से गिरफ्तार किया गया।
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