कोरोनाकाल प्रसूताओं को कोविड दर्द दे रहा है। पीएमसीएच गायनी वार्ड से लेकर एसएसएलएनटी अस्पताल कोविड सेंटर तक उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है। एसएसएलएनटी अस्पताल को गर्भवति महिलाओं का कोविड अस्पताल बनाया गया है। 14 संक्रमित प्रसूता यहां भर्ती हैं। पर यहां एनेस्थेटिस्ट की नियुक्ति नहीं है।
सीजर की जरूरत पड़ी ताे तत्काल ऑपरेशन संभव नहीं है। प्रशासन एनेस्थेटिस्ट को फोन करता है, तब एनेस्थेटिस्ट आते हैं। प्रसूता प्रसव पीड़ा से तड़पती रहती है और ऑपरेशन करने की जगह अस्पताल प्रबंधन एनेस्थेटिस्ट के आने का इंतजार करता है। यही स्थिति यहां बच्चों के डॉक्टर की है। अस्पताल में किसी शिशु रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं है, जबकि यहां 12 नवजात हैं। नवजात की तबीयत बिगड़ने पर शिशु के डॉक्टर को कॉल कर बुलाना पड़ता है।
हैलो! ड्राइवर साहब... प्रसूती संक्रमित है। आकर एसएसएलएनटी अस्पताल ले जाइए...। एंबुलेंस बुलाने के लिए पीएमसीएच का गायनी वार्ड दिनभर फोन करता रहा। पर एंबुलेंस दिन में नहीं आई। गायनी वार्ड में भर्ती एक मरीज का काेविड टेस्ट रिपाेर्ट पॉजिटिव आया। दिन के 11 बजे गायनी वार्ड को इसकी जानकारी दी गई। गायनी वार्ड ने एंबुलेंस चालक को इसकी सूचनी दी और उसे काेविड अस्पताल एसएसएलएनटी ले जाने का आग्रह किया। तीन बार एंबुलेंस काे काॅल किया गया। 7 घंटे बाद शाम 6 बजे एंबुलेंस मरीज काे एसएसएलएनटी अस्पताल ले जाने के लिए पहुंची। इस बीच संक्रमित महिला वार्ड में ही सामान्य महिलाओं के बीच रही।
इधर, पीएमसीएच में भी मुश्किल बढ़ी: ठीक से नहीं हो पा रहा देखभाल
पीएमसीएच गायनी वार्ड में साेमवार काे पांच, मंगलवार व बुधवार काे एक-एक मरीज संक्रमित मिल चुके हैं। मरीजाें के सीधे संपर्क में आने के कारण विभाग के दाे चिकित्सक व चार नर्सिंग व सफाई कर्मचारी संक्रमित हाे चुके हैं। कई डॉक्टर व नर्स क्वारेंटाइन हैं। जिसके कारण यहां भर्ती होने पर प्रसूताओं का ठीक से देखभाल नहीं हो पा रहा है।
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