5 अस्पतालों में नहीं मिला बेड पूर्व टाटा मोटर्स कर्मी की मौत, कोरोना के 2357 एक्टिव मरीजाें में 213 की स्थिति गंभीर है

संतोष कुमार मिश्र, जिले में कोरोना के 2357 एक्टिव मरीजाें में 213 की स्थिति गंभीर है। इन्हें तत्काल वेंटिलेटर की जरूरत है। लेकिन टीएमएच के आईसीयू और सीसीयू समेत अन्य काेविड अस्पतालाें में मरीजों को वेंटिलेटर के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बेड की भी कमी है। इधर, अस्पताल दूसरी बीमारी के मरीजों को भर्ती लेने से मना कर दे रहे हैं।
वहीं बावनगोड़ा निवासी टाटा मोटर्स के पूर्व कर्मी मनोरंजन बोस की तबीयत गुरुवार को ज्यादा खराब हो गई। उन्हें खांसी थी। बेटा दोपहर में बीमार पिता को लेकर करनडीह, फिर बिष्टुपुर स्टील सिटी नर्सिंग होम, टीएमएच, एमजीएम के बाद टाटा मोटर्स हॉस्पिटल पहुंचा। बेटे का आरोप है कि कहीं भी बेड नहीं मिला। शाम सात बजे थक हारकर घर लौटा। गोद में ही पिता ने दम तोड़ दिया।
केस-1 | टीएमएच के इमरजेंसी वार्ड में मरीज को 7 घंटे करना पड़ा इंतजार
टीएमएच के इमरजेंसी वार्ड में गुरुवार काे कोरोना के गंभीर मरीज काे सुबह 9 बजे से शाम साढ़े चार बजे तक इंतजार करना। एक अन्य मरीज की स्थिति नाॅर्मल होने के बाद उसे सीसीयू में भर्ती किया गया। टीएमएच में कोरोना मरीजों के लिए 83 वेंटिलेटर है।
केस-2 | एमजीएम में वेंटिलेटर के लिए बुजुर्ग को भेजा टाटा मोटर्स हॉस्पिटल
एमजीएम कोविड वार्ड में इलाजरत एक बुजुर्ग की स्थिति गुरुवार काे अचानक गंभीर हो गई। वार्ड में वेंटिलेटर नहीं होने के कारण उसे तत्काल टाटा मोटर्स अस्पताल भेजा गया, जहां दो घंटे इंतजार के बाद वेंटिलेटर की सुविधा मिली।
आम मरीजों का इलाज नहीं करना अपराध
कोरोना की आड़ में आम मरीजों का इलाज नहीं करना अपराध है। मुझे मामले की जानकारी नहीं है। जो नर्सिंग होम मनमानी कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। -डाॅ. आरएन झा, सिविल सर्जन, जमशेदपुर।
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