मेडिका अस्पताल की बगल वाली गली से गुरुवार को भारतीय स्टेट बैंक के एक फर्जी चेक के साथ पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया है। चेक लखनऊ के मनरेगा कमिश्नर के नाम से जारी है। गिरफ्तार युवकों के पास से पुलिस ने 56.42 करोड़ का एक फर्जी चेक बरामद की है, जिस पर लखनऊ के मनरेगा आयुक्त का हस्ताक्षर है।
चेक पीएसएमई कंस्ट्रक्शन एंड स्टाफिंग सर्विसेज कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जारी है। चारों चेक से पैसा ट्रांसफर कराने का प्रयास कर रहा था। इसकी गुप्त सूचना पुलिस को मिल चुकी थी। इसके पुलिस ने बैंक से तीनों को पकड़ा। आरोपियों में हरमू स्थित इमली चौक निवासी मनीष सिन्हा, हरमू हाउसिंग कॉलोनी निवासी अजय सिंह उर्फ पप्पू, चुटिया निवासी विजय बर्मन और कोकर हैदर गली निवासी राजेश पासवान शामिल है।
एक सदस्य को 5% मिलना था कमीशन हैदर गली निवासी राजेश ने ही सतीश ठाकुर के कहने पर रांची में एक गिरोह तैयार किया था। मनीष सिन्हा फाइनेंस कर्मी हैं, इसलिए चेक क्लीयरेंस की पूरी जानकारी थी। काम होने पर सभी 4 सदस्यों को 5-5% कमीशन मिलना था। विजय बर्मन का पुराना अपराधिक इतिहास रहा है। एक फर्जीवाड़े के मामले में जेल जा चुका है। 56.42 करोड़ का काम पूरा होने के बाद 15 करोड़ का फर्जी चेक और मिलना था।
दिल्ली से आया था चेक : पुलिस ने चेक के बारे में लखनऊ के मनरेगा आयुक्त के कार्यालय को सूचना दी तो पता चला कि वहां उक्त कंपनी के नाम से 56.42 करोड़ का कोई चेक जारी नहीं किया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि पूरे कांड का मास्टरमाइंड सतीश ठाकुर है, जो दिल्ली में रहता है। सतीश ने ही 22 अगस्त को कुणाल नामक अपने एक दोस्त को दिल्ली से फ्लाइट से रांची भेजकर उसे चेक दिलवाया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3gyVK5R
Comments
Post a Comment