इमरजेंसी में बेड नहीं मिला तो फर्श पर, ही किया मरीज का ईसीजी-इलाज, मौत

यह तस्वीर काेल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम की है। रविवार शाम संसाधन के अभाव में एक मरीज की जान चली गई। डिमना रोड निवासी 40 वर्षीय संजय सिंह की तबीयत खराब होने पर परिजन एमजीएम अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के इमरजेंसी में बेड नहीं था। ऐसे में डाॅक्टर व नर्स ने मरीज को जमीन पर लेटाकर ही इलाज शुरू किया। कुछ देर बात उनकी मौत हो गई।

मरीज के परिजनों ने बताया कि पिछले 3 दिनों से संजय सिंह की तबीयत खराब थी। उन्हें बुखार था। घर पर ही इलाज किया जा रहा था। शाम में अचानक तबीयत खराब हो गई। सांस लेने में तकलीफ होने लगी और वे बेचैन हो गए। आनन-फानन में एमजीएम लेकर पहुंचे तो अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बेड खाली नहीं था। ना ही कोई स्ट्रक्चर खाली था। जिसके बाद जमीन पर ही लेटा कर ही इलाज शुरू किया गया। उनका ईसीजी भी जमीन पर लेटा कर ही किया गया। इसके बाद उनकी मौत हो गई। मृतक के बच्चे भी फर्श पर ही पड़े रो रहे थे।

मरीजों की संख्या इतनी अधिक कि सभी को बेड मिलना मुश्किल

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों की संख्या इतनी अधिक है कि सभी को बेड नहीं मिल पा रहा है। सरकारी हाॅस्पिटल है इसलिए किसी को लौटाया भी नहीं जा सकता है। इसलिए जो संसाधन है, उसका पूरा उपयोग कर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वास्तविक स्थिति से विभाग काे अवगत करा दिया गया है।



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If the bed was not found in the emergency, the patient was ECG-treated, died


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