मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जेईई-मेन और नीट की एक सितंबर से शुरू हो रही परीक्षा को वह रद्द करने के की मांग नहीं कर रहे हैं, लेकिन जिस गति से पूरे देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे हालात में इन दोनों परीक्षाओं को स्थगित किया जाना चाहिए। पर केंद्र सरकार परीक्षा के आय़ोजन को लेकर हठधर्मिता दिखा रही है। शॉर्ट पीरिएड में दोनों परीक्षाओं को लेने पर अड़ी है। इन परीक्षाओं के आय़ोजन से जहां कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बढ़ेगा, वहीं राज्य सरकारों की भी मुश्किलें बढ़ेंगी।
सोरेन शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के जानेमाने अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर सिंघवी ने बताया कि जेईई-मेन और नीट-यूजी को स्थगित करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में रिव्यू पिटीशन दाखिल किया गया है। उन्होंने इस याचिका में इन दोनों परीक्षाओं को स्थगित किए जाने के लिए जो तर्क दिए हैं, उससे अवगत कराया।
अगर परीक्षा लेनी ही है तो राज्य सरकार इसके सुरक्षित तरीके की भी तैयारी कर रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार जेईई-मेन और नीट लेना ही चाहती है तो उसे कैसे सुरक्षित तरीके से आय़ोजित किया जाए, इस पर राज्य सरकारों से चर्चा करनी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस बात को लेकर भी तैयारी कर रही है कि अगर परीक्षाएं होती ही हैं तो विद्यार्थियों के लिए इसे कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है।
स्कूल-कॉलेज बंद है तो परीक्षा लेने की जल्दबाजी क्यों
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच माह से देश के सभी स्कूल-कॉलेज बंद हैं। देश में कोरोना संक्रमण के लगभग चौंतीस लाख मामले सामने आ चुके हैं। मौत का आंकड़ा 60 हजार को पार कर चुका है। वर्तमान में इस महामारी का कोई कारगर इलाज भी नहीं है। ऐसे में अगर इन दोनों परीक्षाओं के होने से विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के साथ कोई घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
सिर्फ 25 लाख स्टूडेंट्स से जुड़ा मामला नहीं है
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेईई-मेन और नीट की परीक्षा सिर्फ 25 लाख विद्यार्थियों से जुड़ा मामला नहीं है। इन दोनों परीक्षाओं में लाखों छात्राएं भी शामिल होंगी। इन छात्राओं के साथ उनके अभिभावक भी रहेंगे। इसके साथ कई वाहनों के ड्राइवर भी होंगे।परीक्षा में शामिल होना सिर्फ एक दिन की बात नहीं बल्कि दो-तीन दिनों का मसला है। जबकि होटल-लॉज बंद हैं।
परीक्षा के आयोजन के विकल्पों पर चर्चा होनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट में परीक्षाओं का आयोजन खतरनाक है। ऐसे में इन दोनों परीक्षाओं के आयोजन के विकल्प पर केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए था। इसमें राज्य सरकारों की भी सहमति ली जानी चाहिए थी। ऐसे में समय शिक्षा विशेषज्ञों की राय ली जानी चाहिए, ताकि पढ़ाई और सेशन के बीच समन्वय बन सके।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/32yZ3VB
Comments
Post a Comment