जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपी का जन्म प्रमाणपत्र निगम ने किया रद्द, आवेदनकर्ता दीनानाथ वर्मा काे स्पष्टीकरण जारी कर दाे दिनाें में जवाब मांगा है

जेल में बंद दुष्कर्म के आराेपी आकाश वर्मा का जन्म प्रमाण पत्र नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर छाताटांड़ अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी रितेश कुमार ने रद्द कर दिया है। प्रमाणपत्र रद्द करने के साथ ही कार्यपालक पदाधिकारी ने आवेदनकर्ता दीनानाथ वर्मा काे स्पष्टीकरण जारी कर दाे दिनाें में जवाब मांगा है। आवेदनकर्ता पर फर्जी दस्तावेज जमा कर निगम काे गुमराह करने का आराेप लगाया गया है। आवेदनकर्ता काे कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है। आराेपी का जन्म प्रमाणपत्र एसडीओ कार्यालय के आदेश पर इसी साल 24 जून काे छाताटाड़ अंचल से जारी किया गया था।

जांच में सभी दस्तावेज निकला फर्जी

निगम कर्मियाें ने मामले की जांच की ताे पता चला कि आवेदन पत्र के साथ जाे भी कागजात दिया गया है, वह सभी संदिग्ध हैे गवाहों ने आकाश काे जानने से इंकार किया।

अहम सवाल... कैसे बना प्रमाण पत्र?

जेल में बंद आराेपी के प्रमाणपत्र निर्गत किए जाने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिर जेल में बंद आराेपी का जन्म प्रमाण पत्र कैसे बन गया? क्या निगम स्तर पर आवेदन पत्र की जांच नहीं की जाती है? केवल कागजात देख उसे अनुमंडल कार्यालय अनुमति के लिए भेज दिया जाता है।

पार्षद और गवाह से क्याें नहीं वेरीफाई किया गया। निगम के अफसराें काे इसका जवाब देना चाहिए। जेल में बंद आराेपी के प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने का दाेषी काैन है? आवेदनकर्ता ने इस साल 21 जनवरी काे आवेदन दिया था। वार्ड 12 की पार्षद रही शाेभा देवी की माने ताे हर बार अंचल से फाेन कर पूछा जाता है, पर इस बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र को लेकर उनसे पूछा नहीं गया।



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The birth certificate of the accused in the jail was canceled by the corporation, the clarification of the applicant Dinanath Verma has been issued and the reply is sought in the next day.


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