‘आप’ के डाॅ. अजय कुमार ने एक साल आठ दिन के बाद फिर पकड़ लिया कांग्रेस का हाथ... दस साल में चौथी बार पार्टी बदली
आईपीएस से नेता बने डाॅ. अजय कुमार ने फिर पाला बदल लिया है। लाेकसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हाेने वाले डाॅ. अजय रविवार काे कांग्रेस में लाैट आए। कांग्रेस अध्यक्ष साेनिया गांधी की सहमति के बाद पार्टी में उनकी वापसी हुई। वर्ष 2011 में झाविमाे से राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले डाॅ. अजय की यह चाैथी राजनीतिक पारी है। डाॅ. अजय ने भास्कर से कहा-देश में बेराेजगारी बढ़ गई है।
आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। चीन भारत काे असुरक्षित बना रहा है। काेराेना की स्थिति विस्फाेटक है। मेरा मानना है कि कांग्रेस ही इन चुनाैतियाें का सामना करने में सक्षम है। कांग्रेस की विचारधारा सर्वाेत्तम है। इन्हीं चीजाें काे देखकर कांग्रेस में लौटा।
यूं बदलती रहीं तस्वीरें... झाविमो से पारी की शुरुआत की, फिर कांग्रेस और आप में गए थे
2010 में राजनीतिक पारी की शुरुआत बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो से की। 2011 में जमशेदपुर लाेकसभा से मध्यावधि चुनाव जीत गए। 2014 में पार्टी के टिकट पर फिर लड़े, हार गए।
2014 में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए। 17 नवंबर 2017 काे प्रदेश अध्यक्ष बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद मचे बवाल के बीच 9 अगस्त को अध्यक्ष पद छोड़ दिया।
2019 में अब कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के 41 दिन बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। काफी समय से ये माना जा रहा था कि डॉ. अजय दिल्ली जाना चाह रहे हैं।
2020 डाॅ. अजय ने कांग्रेस में वापसी के लिए साेनिया गांधी काे पत्र लिखा। साेनिया ने इजाजत दे दी। इसके बाद पार्टी के सांगठनिक मामलाें के प्रभारी केसी वेणुगाेपाल ने अादेश जारी कर दिया।
प्रदीप बलमुचू और सुखदेव भगत भी लाैट सकते हैं
कांग्रेस के दाे और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. प्रदीप कुमार बलमुचू और सुखदेव भगत भी कांग्रेस में लाैट सकते हैं। विधानसभा चुनाव के समय बलमुचू कांग्रेस छाेड़कर आजसू की टिकट पर चुनाव लड़े, पर हार गए। इसी तरह सुखदेव भगत ने भी विधानसभा चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ा और हार गए। तब से दोनों कांग्रेस में लौटने के प्रयास में हैं।
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