ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान, जो स्कूल में पढ़ते ही नहीं, स्कूल के छात्र से लेकर प्राचार्य के नाम तक सबकुछ फर्जी

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा हो रहा है। ईडेन पब्लिक स्कूल, गाेविंदपुर के प्राचार्य ने यह दावा करते हुए डीईओ प्रबला खेस और डीएसई इंद्रभूषण सिंह से लिखित शिकायत की है। प्राचार्य ने शिकायत में कहा-उसके स्कूल ने कभी भी नेशनल स्काॅलरशिप पाेर्टल (एनएसपी) पर पंजीयन नहीं कराया है। इसके लिए कभी भी किसी संबंधित पदाधिकारी से संपर्क भी नहीं किया गया है। फिर भी न केवल स्कूल के नाम से पंजीकरण हाे गया है, बल्कि फर्जी तरीके से उन बच्चाें काे छात्रवृत्ति भी देने की सूचना है, जो यहां पढ़ते ही नहीं हैं।

स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्याें ने 22 अक्टूबर काे जिला कल्याण पदाधिकारी, धनबाद काे पत्र के माध्यम से मामले की जानकारी दी थी। कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल के प्रधानाध्यापक का नाम धीरज कुमार दिखाया गया है, जाे पूरी तरह फर्जी है। इस नाम का कोई व्यक्ति स्कूल से कभी जुड़ा ही नहीं। जाे माेबाइल नंबर दिखाया गया, वह भी हमारे स्कूल में किसी का नहीं है। शिकायत में ईडेन पब्लिक स्कूल ने उचित कार्रवाई की मांग की है।

स्कूल प्रबंधन का दावा- सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलाें के नाम पर भी फर्जीवाड़ा
इस मामले में कुछ अन्य स्कूलाें ने भी बताया कि उनके स्कूल के नाम से भी फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति के आवेदन दिए गए हैं और संभवत: राशि का भुगतान भी हाे रहा है। स्कूलों का कहना है कि जल्द ही सभी मिलकर संयुक्त रूप से उपायुक्त से लिखित शिकायत कर जांच करने व दाेषियाें पर कार्रवाई की मांग की जाएगी। जिले के 196 स्कूलाें के नाम से आवेदन दिए गए हैं, जिसमें सीबीएसई और आईसीएसई से संबंद्ध स्कूलाें के नाम भी हैं।

आज प्राचार्य से जिला कल्याण पदाधिकारी मांगेंगे दस्तावेज

ईडेन पब्लिक स्कूल, गाेविंदपुर के प्राचार्य की लिखित शिकायत ने हड़कंप मचा दी है। जिला कल्याण पदाधिकारी दयानंद दुबे ने अपने स्तर से मामले की जांच की बात कही है। उन्होंने कहा है कि मामले की जांच चल रही है। वे मामले को सामने लाने वाले प्राचार्य से दस्तावेज मांगेंगे।

प्रति छात्र 10,700 रुपए दी जाती है छात्रवृत्ति
स्कूल प्रबंधनाें का कहना है कि प्रति अल्पसंख्यक छात्र 10,700 रुपये छात्रवृत्ति का भुगतान हाे रहा है। कुछ ऐसे स्कूल हैं, जहां 5-6 अल्पसंख्यक छात्र ही हैं, लेकिन उस स्कूल के नाम से 100 से अधिक बच्चाें के दिखाए गए हैं। बड़ी बात है कि जाे अल्पसंख्यक बच्चे वास्तविक रूप में स्कूल में हैं, उनका नाम उस सूची में नहीं हैं। यही नहीं, एक ऐसे स्कूल के नाम से भी छात्रवृत्ति भुगतान दिख रहा है, जाे इस साल काेराेना काल के कारण शुरू ही नहीं हाे सका।

एक स्कूल की लिखित शिकायत मिली है। विभाग का काम केवल स्कूल काे सत्यापित करना है। वैसे गुरुवार काे मामले में संबंधित स्कूल के प्राचार्य से दस्तावेज मंगवाकर उनकी जांच की जाएगी। पहली शिकायत मिलते ही जांच के आदेश दिए गए थे, जिसकी रिपाेर्ट अभी नहीं मिली है।
दयानंद दुबे, जिला कल्याण पदाधिकारी



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Scholarship payment to such students, who do not study in school, everything from the school student to the principal's name is fake


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mvMl2j

Comments