शुक्रवार की रात चंद्रमा के दूधिया रोशनी में शरद पूर्णिमा के अवसर पर लोगों ने खूब आनंद लिया। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में शरद पूर्णिमा के अवसर पर लोग पूजा-पाठ के अलावा चंद्रमा की रोशनी में रात भर खीर रखना नहीं भूले। मान्यता है कि इस रात आसमान से अमृत बरसता है। कहते हैं कि इस दिन चंद्रमा धरती के बहुत निकट होता है, इसलिए बहुत ही सकारात्मक उर्जाएं भूमंडल में रहती हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी शरद पूर्णिमा का अपना महत्व है। शरद पूर्णिमा की रात जो चंद्रमा से किरणें निकलती हैं वह हमारे शरीर को आने वाले मौसम के बदलाव के लिए मजबूत बनाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत करती हैं।
चंद्रमा से निकलने वाली किरणों में विशेष प्रकार के विटामिन व लवण होते हैं, और जब यह किरणें खाने पीने की चीजों पर पड़ती है तो उनकी गुणवत्ता बढ़ जाती है, जो शरीर के पाचन शक्ति के लिए भी बेहद अच्छी होती है। इसीलिए शरद पूर्णिमा की रात लोग खीर बनाकर चंद्रमा के समक्ष रखते हैं और सुबह उसका सेवन करते हैं जिससे कब्ज, गैस, एसिडिटी आदि की समस्या भी दूर हो होती है। शहर के सुरेश कॉलोनी मोहल्ला निवासी प्रिया सिंह ने कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन हम लोग सभी परिवार सुबह से ही तैयारी में लग जाते हैं, रात को घर में खीर बनता है, खीर को मिट्टी के बर्तन में रखकर खुले आसमान में चंद्रमा की रोशनी मैं रखते हैं, सुबह उस खीर को अपने पूरे परिवार व आस-पड़ोस में प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है।
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