श्रद्धापूर्वक व शांतिपूर्ण तरीक से दुर्गाेत्सव संपन्न हाे गया। नम अांखाें से साेमवार काे श्रद्धालुओं ने मां दुुर्गा काे विदाई दी। रविवार, 25 अक्टूबर को दिन के 11:25 बजे से ही विजयादशमी की तिथि लग गई। ऐसे में इस साल दो दिन विजयादशमी मनाई गई। रविवार को नवमी व विजयादशमी दोनों मनाई गई। रविवार काे दिन में ही विभिन्न मंदिराें, पूजा पंडालाें और घराें में स्थिापित किए गए कलश का विसर्जन श्रद्धा पूर्वक किया गया। वहीं साेमवार काे पूजा पंडालाें में स्थिापित प्रतिमाएं विसर्जित की गईं।
इससे पहले पूजा पंडालों में सुबह महिलाओं ने मां दुर्गा को सिंदूर लगाकर विदाई दी। सिंदूर खेला का क्षण बड़ा ही भावुक, खूबसूरत और मनभावन था। शहर के हीरापुर हरि मंदिर, तेलीपाड़ा दुर्गा मंदिर, शक्ति मंदिर, माडा क्लब, झारखंड मैदान, मनईटांड़, स्टीलगेट, विनाेद नगर मनाेकामना मंदिर, शिव शक्ति मंदिर सहित अन्य जगहाें मे महिलाओं ने मां दुर्गा के चरणाें में सिंदूर अर्पण कर सुख, समृद्धि और पति के लंबी आयू का आशीष मांगा। महिलाओं ने एक-दूसरे काे सिंदूर लगाकर दुर्गाेत्सव की बधाई दी।
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