
प. सिंहभूम के आदिवासी अंचल टाेंटाें में खानदानी जमीन काे हड़पने के लिए निज भतीजे के पूरे परिवार की हत्या कर विधवा चाची टूरी लागुरी खलनायिका बन गई है। वहीं इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने से लेकर आंदाेलन तक करनेवाली मृतक की बुआ ननिका हेस्सा और उसकाे मदद करनेवाली झींकपानी के चाेया की पंचायत समिति सदस्य (पंसस)जंयती बिरुली नायिका बनकर उभरी हैं।

दाेनाें वीर महिलाओं की तारीफ काेल्हान डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने भी प्रेस कांफ्रेंस के दाैरान की है। कहा कि दाेनाें लगातार धरना प्रदर्शन करने के बाद रांची राजधानी में लापता परिवार की खोजबीन के लिये आंदाेलन करने जा रही थीं। इसके बाद मुझसे यानि डीआईजी से मिलीं। डीआईजी ने कहा-मृतक की बुआ ननिका ने साफ बताया कि ये नरसंहार का मामला है। पूरे मामले में गांव के लाेग शामिल हैं। इसके बाद जांच में पूरा मामला खुल गया है।
वहीं बता दें कि इस मामले में गांव के लाेग मुख्य साजिशकर्ता टूरी लागुरी 50 साल के हंडिया गाेदाम में बैठक कर साजिश रचा था। इसके बाद 13 जुलाई काे एक शादी में कैरा सपरिवार गया था। वापसी के बाद 18 जुलाई की रात काे उसके परिवार काे घर में ही मार दिया गया। जिले के एसपी अजय लिंडा बताते हैं कि घटनाक्रम में शामिल लाेग कितने क्रूर हैं इस बात से समझा जा सकता है कि जब सीन ऑफ क्राइम पुलिस टीम कर रही थी तब कांड काे अंजाम देनेवाले हंस रहे थे।
बीहड़ जंगल के नदी किनारे से बरामद हुए शव
पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा व जगन्नाथपुर एसडीपीओ प्रदीप उरांव ने नौगडाबुरूगड़ा नदी के किनारे में घटनास्थल से लगभग 10 किमी घने जंगल किनारे जलाकर दफनाये गये शव के कंकाल बरामद किये हैं। कंकाल के पास ही चादर और कुरता मिला है। जाे कैरा लागुरी का है।
दाे दिनाें तक खाेजने के बाद मिले कंकाल
पुलिस ने दाे दिनाें तक लगातार जंगल में पैदल ही तलाशी अभियान चलाया। तब जाकर कंकाल आदि मिले हैं। दाे बच्चाें के कंकाल नहीं मिल पाये हैं। जबकि दाे नरमुंड व कंकाल मिले हैं। कंकालाें की फारेंसिक जांच हाेगी। डीएनए टेस्ट भी पुलिस कराएगी।
जयंती बिरुली की पहल: टाेंटाे पुलिस मिसिंग मानकर चल रही थी

जयंती बिरुली कहती हैं कि कार्रवाई के लिए उन्हें प्रारंभ में पुलिस का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। संदेही व्यक्तियों से पूछताछ करने की वजह शिकायतकर्ता से पूछा जाता था आप लोगों ने मारते हुए देखा है क्या। एक परिवार के 5 सदस्यों का एक साथ लापता होने को सिंपल मिसिंग का मामला माना जा रहा था। इस कारण लगातार डीसी ऑफिस के सामने आंदाेलन कर रहे थे। लापता कैरा लागुरी ने डीआईजी काे साैंपे पत्र में कहा कि नरसंहार का मामला है। टोंटो थाना पुलिस इसे साधारण मिसिंग केस दर्ज किया है।
इसके बाद डीआईजी काेल्हान ने टाेंटाे थाना प्रभारी काे फटकार लगायी थी। केस काे लगातार पीछा करते हुये अंतत: खुलासे तक पहुंचाने वाली मृतका की बुआ है। जाे उसके पिता की बहन है। जबकि इस पूरे मामले में खलनायिका बनकर चंद जमीन के टुकड़े के लिए अपने ही रिश्ते काे खून करनेवाली मृतका की चाची है। वहीं जयंती ने घटना के खुलासे के लिए डीआईजी का आभार जताया।
कब क्या हुआ
- 13 जुलाई 2020 : कैरा लागुरी अपने परिवार संग एक शादी में गया था।
- 18 जुलाई 2020 : शादी से लाैटने पर परिवार काे बाइहातु टाेला में मार दिया गया।
- 16 सितंबर 2020: टाेंटाे थाना में मृतक की बुआ ने सनहा दर्ज कराया। पुलिस शांत रही।
- 24 सितंबर 2020 : एसपी के निर्देश पर टाेंटाे थाना मे मामला दर्ज हुआ।
- 6 अक्तूबर 2020 : पुराने डीसी ऑफिस के सामने बुआ ननिका धरना पर बैठी, खाेजबीन की मांग की।
- 21 अक्तूबर 2020 : परिवार की खोजबीन के लिये अनिश्चितकालीन धरना दिया। एसडीपीओ ने उठाया।
- 11 नवंबर 2020: सात दिनाें तक फिर से धरना पुराने डीसाी ऑफिस के सामने दिया।
- 17 नवंबर 2020 : पंचायत समिति सदस्य जंयती,शिकायतकर्ता ननिका न्याय की मांग काे लेकिन रांची रवाना हुये। पुलिस ने रास्ते में राेक दिया।
- 12 नवंबर 2020 : लापता परिवार के परिजन पंसस जयंती व अन्य डीआईजी काेल्हान से मिले।
- 24 नवंबर 2020: पुलिस एसपी अजय लिंडा के नेतृत्व में माेबाइल ट्रैक किया, गिरफ्तारी के बाद लाश मिलने की जगह शिनाखत
- 25 नवंबर 2020: पूरे मामले का खुलासा, विधवा चाची समेत 10 गिरफ्तार।
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