
झारखंड का लंदन मैकलुस्कीगंज... इसे गोरों का गांव भी कहा जाता था। यहां की दो चीजें मशहूर थी-अंग्रेजी सूट और फौजियों के बूट, यानी अंग्रेजी पोशाक में लोग दिखाई देते और फौजियों के बूट सुनाई पड़ते। एंग्लो इंडियन परिवारों की तड़क-भड़क से प्रभावित होकर बांग्ला फिल्मकार बुद्धदेव भट्टाचार्या, अभिनेत्री अपर्णा सेन, लेफ्टिनेंट जनरल एम मायादास, लेफ्टिनेंट जनरल बलजीत सिंह ज्ञानी जैसी कई नामी-गिरामी हस्तियाें ने अपना आशियाना बनाया। 3 से 10 करोड़ रुपए में यहां बंगला खरीदा, लेकिन अब करोड़ों का कोठी कौड़ियों का हो गई है।
नक्सलियों के आतंक से अधिकतर लोग कौड़ियों के भाव में बंगला बेचकर या छोड़कर चले गए। 1930 में रातू महाराजा से 10 हजार एकड़ जमीन खरीदकर अर्नेस्ट टिमोथी मैकलुस्की ने रांची से 65 किमी दूर देश का एकमात्र एंग्लो इंडियंस का गांव बसाया था। उनके नाम पर ही यह मैकलुस्कीगंज बना। गोरों के इस गांव में 400 एंग्लो इडियन परिवार रहते थे। फौज के रिटायर्ड अफसर और बंगाली फिल्मों के कलाकारों ने भी बंगला खरीदा था। नक्सलियों के डर से औने-पौने दामों में बंगला बेचकर अधिकतर हस्तियां चली गई। अब पुरानी कोठियां ही यहांं के शानो-शौकत की गवाह हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37aN0jH
Comments
Post a Comment